धनगांव मंडला में मिले 6.5 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म-
मंडला जिले (म.प्र.) के टिकरिया वन मण्डल के धनगांव के पहाड़ियों में दुर्लभ जीवाश्म
बिखरे मिल रहे हैं | मंडला जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर ग्राम धनगांव के
दुर्गम जंगलों में 6.5 करोड़ पुराने पादपों
के जीवाश्म मिल रहे हैं | धनगांव के अलावा , भदारी ,जुनवानी ,दुपटा ,सुबेबाडा
,सागर, सर्रापिपरिया में भी जीवाश्म बड़ी मात्र में बिखरे पड़े है | इन जीवाश्मों की
खोज का श्रेय बबलिया स्कूल के अध्यापक श्री डी. के. सिंगोरे को दिया जाता है | इन
जीवाश्मों का विधिवत अध्ययन बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेलियो बॉटनी लखनऊ के प्रो.
डॉक्टर रश्मी श्रीवास्तव , भण्डारा महारास्ट्र
के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ० दसरथ कॉपगाते ,और फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी अमेरिका के
प्रोफेसर डॉ स्मिथ मेनचेस्टर ने शोध कार्य किया | यहां जीवाश्म सालो पहले से मिल रहे हैं परन्तु
इसके संरक्षण पर किसी ने ध्यान नहीं दिया |परन्तु अब पुरातत्व विभाग ने पश्चिम वन
के सहयोग से इन जीवश्मो के संरक्षण पर ध्यान दे रहा है , इसके लिए डी.एफ.ओ. श्री
महेंद्र प्रताप सिंह ने टिकरिया रेंजर को प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिए हैं | विभाग
द्वारा पता किया जा रहा है कि जीवाश्म कितने क्षेत्रफल में बिखरे पड़े हैं इसके
पश्चात् प्रोजेक्ट तैयार कर फेंसिंग की जाएगी |
जीवाश्म के प्रकार -
धनगांव में पाये जाने बाले ज्यादातर
जीवाश्म कोनारेक्सीलॉन डाईमारफम हैं जो कोन्नोरेसी कुल के हैं | यहां तने औए बीजों
के जीवाश्म बड़ी मात्रा में मिल रहे है |ये जीवाश्म 6.5 करोड़ वर्ष पुराने है | इसके
पहले भी मंडला के घुघवा में 6.5 करोड़ वर्ष
पुराने जीवाश्म मिल चुके है और घुघवा को राट्रीय जीवाश्म पार्क का दर्जा मिल चुका
है परन्तु 1998 में मंडला से डिन्डोरी प्रथक होने के बाद घुघवा राट्रीय पार्क
डिन्डोरी जिले में चला गया है |
मिली अन्तराट्रीय पहचान-
फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी अमेरिका के प्रोफेसर
डॉ स्मिथ मेनचेस्टर ने बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेलियो बॉटनी लखनऊ के प्रो.
डॉक्टर रश्मी श्रीवास्तव , भण्डारा के प्रोफेसर
डॉ० दसरथ कॉपगाते के सांथ यहां शोध का कार्य किया और अपने सांथ जीवश्मों के नमूने
ले गये | जिनका
अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में स्थित फ्लोरिडा मुजियम ऑफ़ नेचुरल हिस्ट्री में जीवाश्मों का
प्रदर्शन किया | जिससे धनगाँव के जीवाश्मों को अन्तराट्रीय पहचान मिल गई है |