अनूपपुर जिले और अमरकंटक के दर्शनीय पर्यटन स्थल | Anuppur district And Amarkantak Tourist Plcaes -
अनुपूर जिले का गठन 2003 में शहडोल जिले को विभाजित करके किया गया था | वर्तमान में अनूपपुर जिला शहडोल सम्भाग के अंतर्गत आता है | अनूपपुर जिले का क्षेत्रफल 3701 वर्ग किलोमीटर है , 2011 की जनगणना के अनुसार अनूपपुर जिले की जनसंख्या 749237 है | अनुपपुर जिले में 602 गाँव और 282 ग्राम पंचायत हैं | जिले मेंघूमने हेतु कई दर्शनीय पर्यटन स्थल हैं | विश्व प्रसिद्ध अमरकंटक भी अनूपपुर जिले के अंतर्गत आता है |अनूपपुर जिले के प्रमुख दर्शनीय पर्यटन स्थल निम्नानुसार हैं -1- अमरकंटक | Amarkantak -
अमरकंटक म.प्र. के अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में स्थित बहुत ही सुन्दर पवित्र और शान्त स्थान है | अमरकंटक से ही माँ नर्मदा का उद्गम हुआ है | अमरकंटक में पवित्र नर्मदा नदी के सांथ-सांथ सोन नदी और जोहिला नदी का भी उद्गम स्थल है |माँ नर्मदा को भगवान शिव की पुत्री माना जाता है | अमरकंटक को भगवान शिव, कपिल मुनि, दुर्वासा ऋषि की तपोभूमि भी कहा जाता है | अमरकंटक अपनी धार्मिक मान्यताओं के सांथ-सांथ अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिये भी विश्व-विख्यात है | अमरकंटक में घूमने के लिये कई धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है- आइये जानते हैं इनमे से कुछ महतवपूर्ण स्थानों के बारे में -1) माँ नर्मदा उद्गम कुंड (स्थल) - अमरकंटक में पवित्र नर्मदा का उद्गम स्थल है यहाँ माँ नर्मदा की उत्पत्ति एक कुंड से हुई है | कहा जाता है कि पहले नर्मदा की धारा की बॉस के झुण्डनिकलती थी बाद में हजारो साल पहले रेवा-शंकर ने इस स्थान पर एक कुंड का निर्माण करवाया | इसके पश्चात नागपुर के भोंसले राजाओं और इंदौर की रानी अहिल्या बाई ने कुंड का जीर्णोद्वार करवाया और कुछ मंदिर बनवाये | रीवा के राजा गुलाब सिंह ने माँ नर्मदा के कुंड के चारो तरफ परिसर का निर्माण करवाया और मुख्य गेट और मंदिर बनवाये |परिसर के अन्दर माँ नर्मदा का मुख्य मंदिर है जिसमे काले पत्थर से निर्मित माँ नर्मदा की प्रतिमा है माँ नर्मदा के मंदिर के सांथ सांथ यहाँ 24 अन्य छोटे-बड़े मंदिर हैं जिनमे राम जानकी मंदिर, शिव परिवार , दुर्गा माता मंदिर व अन्य मंदिर हैं |
(2) कल्चुरी कालीन मन्दिर अमरकंटक -
कल्चुरी कालीन इन मदिरों का निर्माण कल्चुरी नरेश कर्णदेव 11 वीं शताब्दी में करवाया था | ये मंदिर नर्मदा कुंड के समीप हैं | यहाँ कल्चुरी कालीन मंदिरों का समूह है इनमें प्रमुख है - कर्ण मन्दिर , मच्छेन्द्रनाथ मन्दिर , पातालेश्वर मन्दिर , केशव नारायण मन्दिर प्रमुख हैं | यहाँ के अधिकांश मंदिर शिव मंदिर हैं | इसी परिसर में एक जल कुंड भी है जिसे सूर्य कुंड कहा जाता है कि इसे शंकराचार्य जी ने बनवाया था | इन सभी मंदिरों की देखरेख पुरातत्व विभाग करता है |(3) माई की बगिया अमरकंटक -
अमरकंटक में नर्मदा उद्गम कुंड से 1 किलोमीटर की दूरी पर माई की बगिया नामक स्थान है , यहां सुन्दर फूलों और फलों के पेड़-पौधे लगें है |माई की बगिया में गुलबाकावली के पौधे पाये जाते है जिससे नेत्र रोगों के लिए औषधि बनाई जाती है | पुराणों में कहा गया है कि बचपन में गुलबाकावली , माँ नर्मदा की सहेली थीं |(4) सोनमुडा अमरकंटक -
सोनमुड़ा सोन नदी और भद्र नदी का उद्गम स्थल है ये दोनों नदियाँ अपने उद्गम स्थल से कुछ ही दूरी पर मिल जाती हैं और सोन-भद्र कहलाती है | सोन-भद्र उद्गम स्थल से कुछ ही दूरी पर लगभग 100 फीट का झरना बनाती है | सोन मुड़ा नर्मदा उद्गम स्थल से 1.5 किलोमीटर दूर है | यह स्थान अपने अद्भुत सोंदर्य के कारण भी जाना जाता है |(5) कपिलधारा प्रपात अमरकंटक -
कपिल धारा जलप्रपात नर्मदा उद्गम स्थल से 6 किलोमीटर दूर है यह माँ नर्मदा अपना पहला जलप्रपात बनाती है | झरने की ऊंचाई 100 फीट है | यह स्थान कपिल मुनि की तपोभूमि रहा है पास में ही कपिल मुनि का आश्रम और मंदिर भी है |(6 ) दूधधारा प्रपात अमरकंटक -
कपिल धारा से नीचे की ओर जाने पर माँ नर्मदा का दूसरा जलप्रपात है | यहाँ का नर्मदा जल झरने से गिरने के बाद दूध के समान दिखलाई देती है इसीलिये इसे दूधधारा जल प्रपात कहा जाता है | यह स्थान दुर्वासा ऋषि की तपोभूमि रहा है |(7) श्री जालेश्वर मन्दिर अमरकंटक-
यह मंदिर अमरकंटक से शहडोल रोड पर 8 किलोमीटर म.प्र. और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है |इसी स्थान से जोहिला की उत्पत्ति हुई है | यहां भगवन शिव का सुन्दर मन्दिर है माना जाता है कि यहाँ स्थित शिवलिंग स्वयं भगवान शिव ने स्थापित किया था |(8 ) जैन मन्दिर अमरकंटक -
अमरकंटक में विशाल जैन मंदिर है जिसे सर्वोदय जैन मंदिर कहा जाता है | मंदिर का निर्माण लाल पत्थरों से किया गया है | मंदिर के गर्भ गृह में भगवान आदिनाथ 24 टन की प्रतिमा 17 तन के कमल सिंघासन पर विराजमान है | इस प्रकार प्रतिमा और कमल सिंघासन का कुल बजन 41 टन है | मंदिर अभी निर्माणाधीन है |(9) श्रीयंत्र महामेरु मंदिर -
अमरकंटक का श्रीयंत्र महामेरु मंदिर नर्मदा कुंड से 1 किलोमीटर दूर स्थित है, यह घने जंगलों से घिरा है | मंदिर की आकृति श्रीयन्त्र जैसी है , इसका निर्माण भी विशेष मुहूर्त में किया गया है | यह बहुत ही सुन्दर मंदिर है यहाँ सेलानियों को एक बार अवश्य जाना चाहिये |Shri yantra mandir Amarkantak |
(10) अमरेश्वर महादेव मंदिर -
यह मंदिर अमरकंटक से 10 किलोमीटर दूर म.प्र. और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है | मंदिर का अधिकांश भाग छत्तीसगढ़ की सीमा के अन्दर है | यहां विशाल शिवलिंग है जिसकी ऊंचाई 11 फीट है और शिवलिंग का वजन 51 टन है | इस शिवलिंग पर अभिषेक करने के लिए सीढियां लगे गई हैं | शिवलिंग को ओमकारेश्वर से और जलहरी को कटनी से लाया गया है |2- सिलहरा (शिवलहरा) की गुफाएं | Silahara Caves Anuppur -
Silhara caves Anuppur |
3- चचाई बांध और अमरकंटक थर्मल पॉवर अनूपपुर -
चचाई बांध अनूपपुर जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मानव निर्मित बाँध है | चचाई बांध सुथना नदी पर बनाया गया है | डैम में पानी कम होने पर सोन नदी से सुथना नद में पाईप लाइन के माध्यम से पानी भेजा जाता है |चचाई बांध लगभग 700 एकड़ ( 2.8 वर्ग किलोमीटर ) में फैला है | चचाई बांध से आस-पास का दृश्य बहुत ही सुन्दर और मनमोहक है | चचाई बांध से लगी हुई अमरकंटक ताप परियोजना है जो मध्य-प्रदेश की बड़ी ताप परियोजनाओं में से एक है | अमरकंटक ताप परियोजना की पहली इकाई मार्च 1977 अस्तित्व में आई | अमरकंटक ताप परियोजना को पानी की पूर्ति इसी चचाई बाँध से ही होती है |4- स्वयंभू गणेश जी धरहर कला अनूपपुर -
अमरकंटक से 35 किलोमीटर दूर राजेन्द्रग्राम ( पुष्पराज गढ़ ) तहसील मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर धरहरकला गाँव के पास जंगल में गणेश जी की प्राचीन प्रतिमा है जो लगातार बढ़ रही है | कहा जाता है कि पहले प्रतिमा की ऊंचाई एक फुट थी जो अब 11 फुट हो गई है | मान्यता है कि यहाँ भक्तो की मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है इसीलिये यहाँ दूर दूर से लोग आतें हैं | पहले इस स्थान पर गणेश जी की मूर्ति खुले आसमान के नीचे थी बाद में मंदिर बनाया गया | गणेश जी के मंदिर के पास कल्चुरी कालीन प्राचीन मंदिर है जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है , मंदिर के पास में भगवान ब्रम्हा, विष्णु और शिव की प्राचीन मूर्तियाँ भी हैं | मंदिर के पास ही मैं गौरी कुंड और गौरी गुफा है | मंदिर की देख रेख साधु संत करते हैं | बसंत पंचमी को यहां विशाल मेला भरता है | यह मंदिर घने जंगलों से घिरा है |Dharhar kala Ganesh ji jila- Anuppur |
5- जलप्रपात धरहर कला (बहगड़ नाला ) अनूपपुर-
धरहर कला गणेश मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर दूर छोटी नदी पर कुछ बहुत ही खुबसूरत जलप्रपात है | मंदिर से यहाँ तक पैदल ही जाना पड़ता है और रास्ता बहुत ही ऊबड -खाबड़ और खतरनाक है जिसमें पहाड़ियों के बीच से छोटी-छोटी पगडंडियों से जाना पड़ता है | प्रकृति की गोद में स्थित यह झरना बहुत ही सुन्दर और आकर्षक है यहाँ का शांत वातावरण और हरियाली सैलानियों को मन्त्र-मुग्ध कर देती है |Dharhar kala waterfall Anuppur |
6- कोडर वाटरफाल | Kodar Fall Anuppur -
कोदर वॉटरफॉल जिसे कन-कन फॉल भी कहा जाता है अनूपपुर जिले की पुष्पराज गढ़ तहसील के अंतर्गत आता यह | यह वाटरफाल जोहिला नदी पर स्थित है | इस स्थान पर जोहिला नदी बहुत ही सुन्दर झरना बनाती है जिसमें नदी की जलधारायें कई हिस्सों में बाँट जाती है | यह झरना बरसात और ठंडी के मौसम में बहुत ही भव्य दिखलाई देता है | बारिस में यहाँ का दृश्य बहुत ही खुबसूरत होता है बरसात में झरना नियाग्रा फॉल की तरह दिखलाए देता है इसी कारण इसे मिनी नियाग्रा भी कहा जाता है | कन-कन (कोडर फॉल) कोदर और उदल गाँव के समीप स्थित है | झरने से जिला मुख्यालय अनुपपुर की दूरी 78 कि.मी., सम्भाग मुख्यालय शहडोल-45 कि.मी, उमरिया-93 कि.मी, और डिंडोरी 75 कि.मी , बड़ी तुम्मी 45 दूर है |Kodar Waterfall District Anuppur |
7 -तुम्मी बड़ी अनूपपुर | Badi Tummi Anuppur -
अनूपपुर , उमरिया जिले की सीमा पर अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील के अंतर्गत बड़ी तुम्मी नामक बहुत ही खुबसूरत स्थान है | यह स्थान घुनघुती की पहाड़ियों के बीच बांधवगढ़ उद्यान के अंतर्गत आता है | यहाँ की ऊँची नीची पहाड़ियां और प्रकृति की सुन्दरता सैलानयों को अपनी ओर आकर्षित करती है |यहाँ उगते और डूबते सूरज को देखने के लिये दूर -दूर से लोग आते हैं | बड़ी तुम्मी से 6 किलोमीटर दूर छोटी तुम्मी वॉटरफॉल है यह उमरिया जिले के अंतर्गत आता है | बड़ी तुम्मी शहडोल से लगभग 27 किलोमीटर और अनुपपुर से 75 किलोमीटर दूर है |Badi Tummi |
उक्त स्थलों के अतिरिक्त शहडोल और अनुपपुर जिले की सीमा पर स्थित अमलाई पेपर मिल भारत की सबसे बड़ी पेपर मीलों में से एक है | अमलाई का बिरला मंदिर यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है |
अनूपपुर जिले के दर्शनीय स्थलों की जानकारी Youtube पर भी नीचे दी गई लिंक पर प्राप्त कर सकते हैं-
अनूपपुर दर्शनीय स्थल Youtube
अनूपपुर के समीपवर्ती पर्यटन स्थल -